Creation of Thought | ख़यालों का निर्माण
इंसान का दिमाग एक असाधारण आत्मा है। इंसान के दिमाग में रोज हजारो ख्याल thought आते है वहाँ ख़यालों की कोई सिमा ही नहीं होती। वो आते ही रहते है और हमें सताते रहते है। हमारे दिमाग में या मन में आने वाले ख्याल Thoughts हमारे रोज के निजी क्रम के अनुसार होते है।
हम क्या करते है, हम किसके साथ समय गुजारते है, किसके साथ काम करते है, कहा समय बिताते है उसपर हमारे ख्याल ज्यादातर निर्भर होते है।
Limitation of Thought | ख़यालों की सीमा
इंसान का मन एक ऐसा पहलू है जहां खयालो (thought) की सीमा अनंत होती है। उसका कोई अंत नहीं होता। इंसान का मन एक पल में हजारो ख्याल ला सकता है। ख्याल एक ऐसी चीज या ऐसा अनुभव होता है जिसको कोई भी साधारण इंसान संभल नहीं पाता। हमारे खयालो (thoughts) का अंदाजा हमारी पूर्व स्थिति पर भी मापा जा सकता है।
हमारे भूतकाल में कोई ऐसी घटना हुई होती है जिसका हमारे मन पर जोरदार असर पड़ा हो और उसीके चलते हमारे ख्याल (thoughts) आते रहते है। हमारा जीवन किस तरह गुजर रहा है, हमारे जीवन में हमें क्या चाहिए, हमारी क्या ख्वाइशे है इसके ऊपर खयालो का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। हमारी उम्मीदे हमारे ख्याल के रूप में उभर आती है।
Effects of thoughts in your Aim | ख़यालो का हमारे सपनों पर पड़ने वाला असर
ख़यालों का दूसरे रूप में जिक्र किया जाये तो उसमे हमारे सपनों का भी हिस्सा रहता है। हमें रात को सोते वक्त जिस तरह के सपने आते है उनका सबसे अहम् भाग हमारे ख्याल होते है। हम जिस तरह सोचते रहते है जिस तरह के ख़यालो (thought) में दुबे रहते है उसी तरह के सपने ज्यादातर हमें आते रहते है। हमारे सपनो की दुनिया का कुछ हिस्सा हमारे ख्याल होते है।
जैसे हमारे ख्याल thought होते है वैसे हम हम बनते जाते है। इसीलिए हमें ज्यादातर हमारे दिमाग में अच्छे ख़यालो का निर्माण करना बहुत जरुरी होता है। वो बोलते है ना की, “इंसान का व्यक्तिमत्व इंसान के ख़यालो पर निर्भर होता है” उसी तरह हमें अपने विचारों पर काबू रखना सिख लेना चाहिए।
इंसान के अच्छे समय में उसके दिमाग में अच्छे ख्याल आते है और इंसान के बुरे समय में उसके दिमाग में बुरे ख्याल आते है और यह होना स्वाभाविक है। पर जो महान लोग लोग होते है जिन्होंने अपने मन को काबू करने की कला सिख ली होती होती है उनका अपने खयालो thoughts पर नियंत्रण ज्यादा होता है। उनके दिमाग में ख़यालो की सीमा होती है और वो सही तरीके से होती है। उनके ख्याल अच्छी चीजों के लिए ही सिमित होते है।
इसीलिए वो सदा मुस्कुराते रहते है और उनके अंदर एक ऊर्जा होती है जिसकी वजह से उनके निकट जाने वाले लोगों के दिमाग में भी अच्छे ही ख्याल आने सुरु होते है। इसीलिए हमारे देश में लोग साधुओं को इतना महत्व देते है। साधु-सन्याशी ऐसे ही नहीं निर्माण होते उसके पीछे उनकी कड़ी तपस्या होती है जिसके कारन वो उस चरम सीमा को प्राप्त कर चुके होते है।
Secret of Success in your thought | सफलता का राज हमारे ख़यालो में
किसी भी इंसान को अगर सफल बनना है तो उसका सबसे महत्वपूर्ण भाग उसके ख़यालो thought पर निर्भर होता है। इंसान को जिंदगी में सफल बनने केलिए उसके ख्याल ही काम आते है।
इंसान ख़यालो की दुनिया में डूबा रहा होता है। उसके ख्याल ही उसको आगे जाने को मदत करते है। इसीलिए हमारे जीवन में हमें अच्छे ख़यालों की मात्रा को बढ़ावा देना चाहिए और अपनी जिंदगी सही ढंग से गुजारनी चाहिए।
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