Peace of mind
इंसान का मन एक ऐसा पहलू है जो कभी एक जगह स्थिर नहीं रह सकता। वो कब कहा जायेगा कोई बता नहीं सकता। मन को काबू में रखना उतना आसान नहीं होता जितना Nature मे मौजूद हर वन्यजीवों का कम शब्दों मे वर्णन करना।
मन के अलग अलग पहलू हम अक्सर आजमाते है। मन में मचलने वाले लहरोंका सामना करना कितना मुश्किल हो जाता है, कितने विभिन्न प्रकारके होते है यह पहलू। किसी तुच्छ चीजों के लिए मन पर होनेवाले परिणाम कितने व्यर्थ होते है।
My exhortation towards your mind | अपने मन की तरफ मेरा उपदेश
मन रुक जरा, मुझसे बातें कर, कितना दौड़ेगा। तुम्हे थकान महसूस नहीं होती। तुम्हे कितनी जल्दी होती है हर चीज़ की। तुम कितना चंचल हो। तुम्हारे व्यर्थ विचारों से तुम मुक्त हो जा। देख जरा सामने कुदरत Nature तुमसे कुछ कह रहा है। तुम्हे बहुत कुछ सीखा रहा है, उससे सीखो।
बदल दे खुदको, मुक्त हो जा तुम्हारे नकारात्मक सोच से। दुनिया की तरफ अच्छे नजरियों से देख। सकारात्मक दृष्टिकोण रख सदा। अभी के समय क्या चाहिए और तुम क्या करते जा रहे हो ये परख लो। खुदको सलाह दे। कितनी ठोकरें खायेगा। अब खुदमे बदल कर। अच्छी सोच रख। प्रकृति Nature की तरफ अच्छे नजरियों से देख।
हम जिस समाज में रहते है ,जिस सोच में रहते है उसके पश्चात भी एक दुनिया है। वो दुनिया है कुदरत की दुनिया। कुदरत Nature से हमें बहुत कुछ शिकणे को मिलता है। कितना उदासीन ,ईमानदार है कुदरत। ऐसी कौनसी भी चीज़ नहीं जिसका सबंध कुदरत से नहीं है। प्रकृति का हर वो हिस्सा कुदरत से किसी ना किसी प्रकारसे वाकिफ़ है। जिसके कारन उससे सीखने जैसा बहुत है, बस हमें उसे महसूस करना जरुरी है।
Nature chemistry | कुदरत का रूप
कुदरत Nature हमें क्या नहीं सिखाता। प्रकृति का हर हिस्सा ,प्रकृति की बनायीं हुई हर चीज हमें कुछ न कुछ सिखाती है। जैसे नदी अपने संग हर वो चीज़ ले जाती है जो हम उसमे छोड़ देते है। वो ये नहीं कहती की मुझमे तुम ये क्यों डाल रहे हो ,मुझे तुम गंदे कर रहे हो।
वो सभी को समान अधिकार देती है उसमे नहाने का। उसके सामने कोई भी बड़ा या छोटा नहीं होता वो सभी को अपनाती है। उसके पास स्वार्थ नहीं होता। वो बिना लालच के अपना सफर जारी रखती है। वैसे हमें भी होना जरुरी है।
अपना मन साफ रख के सभी लोगो के साथ एक अच्छी तरह से बर्ताव रखना चाहिए। सभी को जो अच्छे है उन्हें अपना बनाना चाहिए। लोगो में बिना भेदभाव कर के सभी के साथ अच्छी तरह से पेश आना चाहिए।
Nature communications | कुदरत का अपनापन
ठीक उसी तरह पेड़ की छाया सभी लोगों को आश्रय देती है। पेड़ अपना हक कभी नहीं जताता। उसे कोई भी काटता है पर वो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता। वो सभी को माफ़ करता है। सभी को ऑक्सीजन देता रहता है और मौसम को भी कुदरत से वाकिफ करता है।
उसी तरह हमें भी अच्छे मन से सभी को माफ़ करना चाहिए क्योंकि किसी को माफ़ करने के लिए एक बड़ा दिल होना जरुरी होता है। सभी के साथ एक अच्छे ढंग से बर्ताव रखना चाहिए और अपना अहंकार तोड़ देना चाहिए।
Message from Nature | कुदरत से सिख
अपने मन को हमें कुदरत Nature से जुड़ा हुआ रखना चाहिए। प्रकृति का हर एहसास हमें कुछ न कुछ सिखाता रहता है पर उसकी तरफ ध्यान नहीं देते। हमें हमारा मन शुद्ध रखना पड़ेगा। हमारे मन में सकारात्मक दृष्टिकोण रखना पड़ेगा।
मन को हमें चीजों में लगाना चाहिए। और प्रकृति Nature के इस संसार में अपना जीवन व्यतीत कर देना चाहिए अच्छे विचारों के साथ।
तो दोस्तों आपको मेरा ये आर्टिकल कैसा लगा जरूर मुझे कमेंट कर के अपनी राय बताये। धन्यवाद।